*जिस शरीर के साथ हम पैदा हुए* *उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं..* *जिस चरित्र, व्यक्तित्व और किरदार* *के साथ हम विदा होंगे* *उसके लिए हम खुद जिम्...
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बैराग्य ऐक समाज को समझा ने की कहानी
*🌹🌹 बैराग्य 🌹🌹* *एक राजा को राज करते काफी समय हो गया था।* *एक दिन उसने अपने दरबार में उत्सव रखा और अपने मित्र देश के राजाओं को भी सादर आ...
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